Thursday 3 April 2014

                                                एक मुलकात गिरीश तिवारी के साथ















मेरे एक मित्र जो स्वाभाव में बेहद इंट्रोवर्ट (कम बात करने वाले ) और हॅसमुख गिरीश तिवारी का आज मुझे  इंटरविएव लेने का अवसर मिला।  मुझको आज तक ये नही समझ आया ये भाई साहब लड़कियों से क्यों भागते है …? उनसे बात करके मुझको उनकी ज़िंदगी के बारे में कुछ नया जनाने को मिला। …

सवाल -गिरीश अभी तक का आपका mjmc   का सफ़र कैसा रहा … ? कुछ अनुभव शेयर कीजये।
गिरीश -बहुत अछा , इस कोर्स में ADMISSION लेने  के बाद अपने अंदर काफी बदलाव पाया , लोगो से बात               करने कि जिझक अब निकल गयी।  अब मेरे अंदर अपनी बात कहने का विशवास आया  है।


सवाल -कोई खास कारन mjmc  में आने का .... ?क्यूंकि  ज्यादातर स्टूडेंट्स पत्रकारिता कि पढाई से पहले                     कभी  नही जुड़े थे। आपका mjmc  में रुझान क्यो ?
गिरीश-मैंने बीकॉम किया है।  मुझको लगता है इस फील्ड से जुड़ कर मैं अपनी बात लोगो तक पंहुचा सकता               हु जो कि इस वक़्त मेरे लिए बहुत जरूरी है।  और इसका फायेदा भी मुझको हो रहा है। और अब थोडा               बहुत लड़कियों से बात करना भी सीख  गया हू।


सवाल - ऐसी क्या जरूरत जो आपको mjmc  का सहारा पड़ा रहा है.…?
गिरीश - हर बात कहने का तरीका होता है और जो बात मुझे कहना है वो mass  से जुडी है।
             mass  communication से जुड़ कर मैं अपनी बात लोगो तक सही तरीके से पंहुचा
             सकता हू।

सवाल - आपकी नज़र में आज के समय में रिलेशनशिप कितना महत्वपूर्ण  है … ??आप किस  तरह के                       इंसान के साथ अपना फ्यूचर देखते है … ?
गिरीश- मेरे हिसाब से रिलेशनशिप में लॉयलिटी बहुत ज़रूरी है, जो कि आज के समय में बहुत मुश्किल है।
             और जहा तक मेरी बात है मैं ऐसे इनसान के साथ रिलेशनशिप में रहूँगा जो FAKE  न हो बस , और              थोडा लोयल हो।

सवाल - आप कभी किसी के साथ रेलतिनशिप में रहे है.… ?
गिरीश - नहीं, कभी नहीं ( हस्ते हुए )
              और अभी फ़िलहाल इन सब से दूर ही रहने का  मन है।


सवाल - क्लास में अपने मित्रो के बारे में कुछ बताइये… ?
गिरीश - वैसे तो सभी मेरे मित्र है।  लेकिन जिनसे मैं ज्यादा  बाते करता हु वो है हेमेन्द्र और रीतु।


सवाल - आप अपना रोले मॉडल किसको मानते है.… ?
 गिरीश -मैं अपने पिता को अपने रोल मॉडल मानता हू, क्यूंकि वो काफी जुझारू इंसान है।  कई                                     पारिवारिक  समस्याओं के बाद भी उन्होंने एक अछे पिता कि भूमिका अदा  कि।  वो मुझे बहुत                       INSPIRE  करते है।


            गिरीश इतवारी से बात करके मुझको ऐसा लगा जैसे ये अपनी बात कहने के लिए
            भरे बैठे है बस इनको मौके कि तलाश है।  मुझको ऐसा भी लगा ये न जाने  क्यों first
            step  लेने से डरते है।  हम यही उम्मीद करते है गिरीश अपनी बात लोगो तक पहुचने
            में सफल हो और lucknow  university का नाम ऊँचा करे।